गौत्तम बुद्ध की,बृद्ध महिला को सीख
मृत्यु तो सभी की होनी है,वर्तमान सुधारना चाहते है तो किसी की मृत्यु के बाद भगवान् या भाग्य को दोष नहीं देना चाहिये । बुद्ध अपने उपदेशो की वजह से बहुत प्रसिएद्ध हो गये थे लोग उन्हें काफी मानते थे। इसी वजह से एक बुढ़ी महिला की गौत्तम बुद्ध के पास पहुंची । उस महिला की बुद्ध के लिये गहरी आस्था थी दरअसल,उस महिला के बेटे की मृत्यु हो गई थी ।महिला बहुत दुखी थी और उसने बुद्ध से कहा की आप मेरे बच्चे को जीवित कर दीजिये। महिला को लग रहा था।कि बुद्ध उसके बेटे का जीवन बचा सकते हैँ।बुद्ध ने महिला की बात सुनी और कुछ देर सोचने के बाद उन्होंने कहा कि ठीक है। मै ऐसा कर दूँगा ,लेकिन तुम्हे किसी ऐसे घर से मुट्ठी भर सरसों के दाने लेकर आना है। जहाँ कभी किसी की मौत न हुई हो। जिस परिवार ने किसी की मृत्यु का दुख नहीं देखा है, वहां से सरसों ले आओ। महिला ने सोचा ये छोटा काम है। बूढ़ी महिला गांव की ओर चल दी और एक - एक घर में जाकर पूछने लगी। महिला जिस घर में कभी किसी की मृत्यु न हुई हो तो एक मुट्ठी सरसों के दाने दे दीजिये। गांव के सभी लोगो का यही जवाब रहता था कि हमारे घर में मृत्यु...